operation mahadev: श्रीनगर के जंगलों में 20 लाख के इनामी आतंकी का खात्मा

operation mahadev

परिचय: क्या है ऑपरेशन महादेव?

भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने वालों को कोई भी कोना पनाह नहीं दे सकता। Operation Mahadev, श्रीनगर के दाचीगाम जंगलों में चलाया गया एक सटीक और गुप्त सैन्य अभियान था, जिसमें पहल्गाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन का नामकरण महादेव चोटी के नाम पर किया गया था, जो श्रीनगर के निकट स्थित है और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है।

Pahalgam attack: जिसने पूरे देश को झकझोर दिया

22 अप्रैल 2025 को, अमरनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित पहल्गाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 26 निर्दोष श्रद्धालुओं की जान गई, जिनमें अधिकांश हिंदू और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उससे जुड़े संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली। यह हमला न सिर्फ निर्दोष नागरिकों पर किया गया था, बल्कि भारत की आस्था, पर्यटक स्थलों और सुरक्षा पर सीधा हमला था।

 

Operation Sindoor के बाद आया operation mahadev

हमले के तुरंत बाद, भारत सरकार ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। लेकिन असली मास्टरमाइंड अब भी श्रीनगर के जंगलों में छिपा था — और उसे पकड़ना ही लक्ष्य था ऑपरेशन महादेव का।

 

कैसे पकड़ी गई आतंकी की लोकेशन?

भारतीय एजेंसियों को शक था कि हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह, श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में छिपा है।

इसे पकड़ने के लिए हाईटेक सर्विलांस शुरू हुआ। चीनी सैटेलाइट फोन की लोकेशन को ट्रेस किया गया। लोकल बकरवाल और हमघर (घुमंतू) समुदाय की मदद से मूवमेंट की जानकारी मिली। ड्रोन, थर्मल सेंसर और सैटेलाइट इमेजिंग से जंगल की निगरानी हुई। सुरक्षा एजेंसियों ने 48 घंटे तक पूरे इलाके को घेर रखा।

 

 28 जुलाई 2025: ऑपरेशन महादेव का दिन

सुबह लगभग 11:30 बजे ऑपरेशन महादेव शुरू हुआ। 24 RR (राजपूताना राइफल्स), 4 PARA कमांडो, CRPF और JKP (जम्मू-कश्मीर पुलिस) के जवानों ने मोर्चा संभाला।

 

मुठभेड़ की मुख्य बातें:

मुठभेड़ करीब 1 घंटे चली। आतंकियों ने पहले गोलियां चलाईं, लेकिन भारतीय सेना ने घेराबंदी कर दी। दोपहर 12:37 बजे तक तीन आतंकियों को मार गिराया गया। हाशिम मूसा की पहचान बाद में पुष्टि की गई — उस पर ₹20 लाख का इनाम था बरामद हुए हथियार और गोला-बारूद मुठभेड़ के बाद मौके से कई हथियार बरामद हुए:। 2 AK-47 राइफल, M4 अमेरिकी कार्बाइन, 6 ग्रेनेड, IED सामग्री , मोबाइल सैटेलाइट फोन और नक्शे यह सब इस बात का प्रमाण था कि आतंकवादी बड़ी साजिश की तैयारी में थे।

 

 कौन-कौन थे इस ऑपरेशन के हीरो?

इस ऑपरेशन को सफल बनाने में कई एजेंसियों की संयुक्त भूमिका थी:

| एजेंसी/दस्ता | भूमिका |

| 24 RR | ऑपरेशन लीड किया |

| 4 PARA | जंगल में कॉम्बैट ऑपरेशन |

| CRPF | परिधि सुरक्षा और बैकअप |

| JKP | लोकल इनपुट और एन्काउंटर कॉर्डिनेशन |

सभी ने मिलकर इस खतरनाक मिशन को बिना किसी नुकसान के पूरा किया।

 

 क्या है ऑपरेशन महादेव का महत्व?

भारत की रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति का प्रदर्शन। आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को साकार किया गया। आतंकियों को यह संदेश गया कि भारत उन्हें कहीं भी खोज निकालेगा स्थानीय नागरिकों का विश्वास सुरक्षा बलों में और मजबूत हुआ

 

निष्कर्ष: आतंकवाद का कोई भविष्य नहीं

ऑपरेशन महादेव एक उदाहरण है कि जब सरकार, सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां एकजुट होकर काम करती हैं, तो दुश्मनों का अंत तय है।यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि उन 26 निर्दोष जानों के लिए न्याय था, जो पहल्गाम हमले में मारी गई थीं।भारत अब पहले जैसा नहीं है। अब आतंकियों को हर गोली का जवाब 10 गुना ताकत से मिलेगा।

 

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